Quotes by S Sinha in Bitesapp read free

S Sinha

S Sinha Matrubharti Verified

@spismynamegmailcom
(1.5k)

कभी मेरी ख़ामोशी तुम पहचान लेते थे

कभी तुम्हारी ख़ामोशी हम जान लेते थे

अब दोनों बाते कर के परेशान होते हैं

एक दूसरे से क्यों अनजान लगते हैं

Read More

फर्श से हमें बिठा के अर्श पे गिरा क्यों दिया

मेरे प्यार का ये कैसा सिला तुमने दिया

सबसे प्यारा सबसे न्यारा है अपना भारत महान

यहाँ रहते हिन्दू सिख यहूदी ईसाई मुसलमान

काबा काशी काबुल फारस से आये यहाँ इंसान

सब रहते मिलजुल कर और बढ़ाया देश का मान

राम रहीम बुद्ध कबीर ईश ईशु नानक और रसखान

वेद व्यास तुलसी और जायसी ने बनाया इसे महान

देख हमारा रुतबा जयचंद और रजाकार हुए परेशान

इन गद्दारों ने विदेशियों से मिल कर डाली बुरी नजर

देश की न सोच जाति धर्म और परिवार के नाम पर

हिन्द में नफरत फैला कर किया है सर्वत्र दंगा फसाद

ये नहीं मानते देश की चाहे करो इनसे कितने फरियाद

हम भारत वासी सदियों से सबको अपनाते आये

अपनी जाति धर्म में बंट कर हम क्या पाएंगे

बाहर वाले आ कर फिर से हम पर रोब दिखाएंगे

क्यों गैरों के बहकावे में हिन्द को बनाना चाहते ख़ाक

सभी मानते आज विश्व में भारत की है ऊंची नाक

कोई इन्हें समझाए ताकि बनी रहे जग में हमारी साख

Read More

अर्श पे बैठा खुदा ये देख कर रोता होगा

कि हमारे बनाये बंदे ये कैसे बन गए

एक दूसरे के खून के प्यासे क्यों हो गए

हमने तो बनाये सबको एक ही जैसा

पर तालीम उन्हें मिल रही है ये कैसा

ज़मीं भी तेरी हैं हम भी तेरे

फिर इंसा क्यों कर रहा है काम ऐसा

इंसा के दामन पे इंसा के खून का दाग कैसा

Read More

चाँद अपने हुस्न पे इतरा रहा था

तेरा दीदार हुआ तो बेचारा

शरमा के बादलों में छुप गया

ये वादियां ये फ़िज़ाएं कुछ भी नहीं

अगर मेरे हाथों में तेरा हाथ नहीं

कल जो सर ए आम रुसवा कर गए मुझे

आज पहली सी मोहब्बत मांग रहे मुझसे

दरस को तरस गए तेरे दीवाने मेरे नैना

लाख समझाये न माने बैरी मेरा कहना

नजरों से मिली नजरें पर उसने नजरअंदाज किया

मेरी नजरों को किसी की नजर लग गयी

उसकी नजर इस कदर क्यों बदल गयी

Read More

By the time a man realizes that his father was right , he has a son who thinks he is wrong …..Charles Wadsworth