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S Sinha

S Sinha Matrubharti Verified

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विजय दशमी के पावन अवसर पर आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें .

तबीयत मेरी ना शाद है ना नाशाद है

दुनिया मेरी उजड़ गयी तो क्या

तेरी महफ़िल तो सदा आबाद है

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनायें

जय हिंद

Happy Independence Day

प्रसन्न रहने के लिए ज्यादा धन की जरूरत नहीं है पर दूसरों की अपेक्षा खुद को ज्यादा खुशहाल दिखाने के लिए अधिक धन जरूरी हो जाता है .

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जीवन की आपाधापी में

समय की तेज धारा में

हम दोनों यूँ बह गए

तुम वो तुम न रहे

न हम वो हम रहे

जिंदगी से दूर होते गए

मौत के करीब आते गए

जाने कौन पहले साथ छोड़ जाए

न जाने कौन पीछे छूट जाए

पर जो भी पहले जायेगा

अपनी यादें पीछे छोड़ जायेगा

जो बचा उसे ताउम्र रुलाएगा

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क्यों आये थे जिंदगी में बहार बन के

जो जाना ही था हमें तन्हां छोड़ के

कूचा ए दिल को यूँ ख़ार कर के

उनके गुनाहों को छुपाने के लिए

हमने अपने होठों को सी लिए

और वो भरी महफ़िल में

हमें रुसवां कर के चल दिए

न किसी की आँख का नूर हूँ

न किसी के दिल का गुरुर हूँ

फिर भी जीने को मजबूर हूँ

रब ये कैसा दस्तूर है

जिंदगी नहीं रही बिंदास

ये दिल रहता है उदास

जीना न काबिल ए इंतिखाब है

परिंदा अब उड़ने को बेताब है

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जो सदा हमारे दिल में रहता है

उसे बताने की जरूरत क्या है

फिर भी अगर वो ना समझे

तो समझाने की जरूरत क्या है

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