#लापरवाह
कविता
चीन को उसकी औकात का आयिना मेरे देश के वीर सपूतों ने दिखाया है ,
कहता था खुद को शेर , चूहा उसको मेरे रनबांकुरों ने बनाया है ।
बात अधूरी है अभी , अक्साई चिन का फ़लसफ़ा भी उसको समझाया है ,
गलती से फिर भविष्य में करी कोई हिमाकत कभी इस मक्कार ने ,
तो गलवान का सबक उसके लिए गहराया है ।
नमन हिन्द की सेना और जवानों को ,
उनके ही दम पर देश ने स्वाभिमान अपना फिर से पाया है ।
जो करना है अखंड और समृद्ध भारत का निर्माण तो मेरे देशवासियों ,
करना होगा तुम्हें त्याग और ईमानदारी के संकल्प का यशो गान ,जैसे कोई सरमाया है ।
भूल जाओ भेद अपने , मां भारती को प्रणाम करो ,
इसके लिए सर्वस्व समर्पित ,एसा कुछ प्रयास करो ।
।
बने जो लापरवाह इस कुटिल खेल में ,
तो खो जाएगा देश सिकुड़ कर इतिहास की रेल में ।
सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
साहिबाबाद ।
#लापरवाह