आज ये चाँद ना डूबेगा, सबके दिल को छू लेगा |
छुप कर बैठी, शरमाई हुई चाँदनी से मिल, डबडबाते सितारों की सैर कर बादलों में छुप जाए, इस से पहले
चलो इसे पकड़ ले , पलकों तले जकड़ ले ताकि चाँद से बातें करनी की ख्वाहिशों के रथ पर हम बैठ सकें |
निशीता
३/०७/२०२०