बदलाव
किसने कहा इंसान को बाहर निकलना मना है,
हां, यह बात सही है कि घर से बाहर नहीं नीकलना है!
पर यह वक्त है हमारी नकारात्मक सोच से बाहर निकलने का,
यह वक्त है हमारे अहम़ से, हमारे अभिमान से बाहर निकलने का,
यह वक्त है मिथ्याभिमान से बाहर निकलकर कुछ सोचने का
यह वक्त है बदलने का
(घर पर रहे, सुरक्षित रहे)
- DRASHTI