क्रोध है प्रतिशोध है बस कुछ दिनों का रोष है
जिंदगी की उलझनों से कब किसी को होश है
खूब चर्चा चल रही है फेसबुक के मंच पर
रूप में मानव के चलती होड़ है अपभ्रंश पर
क्यों करी संसार की विश्मोहक श्रोणित सी रचना
दैत्य दानव क्यों बनाये ये खुदा का दोष है ।
-प्रशांत चौधरी