विपत्ति की परिस्थिति का युद्ध विराम बना हु मै
सफलता के खेतों को मैने अपनी
मेहनत से सींचे है,
जिन्होंने ठुकरा दिया था यह
कहकर की तुम हमसे अलग हो,
आज देखो उन लोगो का काफिला
मेरे पीछे है
समुंदर की लहरों को मैने अपनी कलम से मोड़ा है
विफलता भी मेरे सामने आंखे मीचे है
जिन्होंने ठुकरा दिया था यह कहकर
की तुम हमसे छोटे हो,
आज देखो उन लोगो का काफिला
मेरे पीछे है।
ऑथर पवन सिंह