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फिर भी क्यों?
है माँ वह, है बहन वह,
है बेटी और बहू भी।
फिर भी क्यों?
करते हो तुम उस स्त्री को परेशान?
है पूजते उसे दुर्गा, अंबे, काली के नाम से,
फिर भी क्यों?
करते हो उसे परेशान?
अकेली जो मिल जाए, तो छेड़ते हो,
अगर कुछ कह दे, तो उसे ही दोषी ठहराते हो।
ना दहेज लाई, ना बेटा हुआ —
बस इतना ही कसूर था — जो जान से मारते हो?
फिर भी क्यों तुम भूल जाते हो,
जिसने तुम्हें जन्म दिया — वह भी एक स्त्री है।
फिर भी क्यों?
करते हो उसे परेशान?
Sorry all women's!🙏🏼😶🌫️
✨ "उड़ान अभी बाकी है" ✨
ठोकरें खा के ना रुक, ये तो शुरुआत है,
हर गिरावट के बाद, छिपी जीत की बात है।
जो आज थम गया, वो कल को क्या करेगा?
हौसलों की आग से ही, मुकद्दर सजा करेगा।
रास्ते कठिन हैं, मंज़िल भी दूर है,
पर तेरे इरादों में अब भी नूर है।
मत देख कि लोग क्या कहेंगे तुझसे,
तू बस खुद से लड़, जीत आएगी तुझसे।
थक कर बैठना मंज़ूर नहीं तुझे,
अभी तो औरों को दिखाना है कि क्या है तू।
अंधेरे में चमकता है जो, वो ही सितारा कहलाता है,
हार को गले न लगाना, तू खुद की क़ीमत जानता है।
जो रुक गया वो खो गया,
जो चल पड़ा वही खोद गया —
हर मुश्किल के सीने पर,
अपना नाम जो मोड़ गया।
🔥 हौसला रख, तू तूफ़ानों से भी लड़ जाएगा,
ये तेरा वक्त है, तू अब खुद को गढ़ जाएगा। 🔥
What a character #benstokes courage and determination
#Rishab pant is the real fighter.
कृष्ण म्हणाला…
कृष्ण म्हणाला –
“कधीच हार मानू नकोस,
कारण युद्ध तेव्हाच हरतो,
जेव्हा मन लढणं सोडतं…”
कृष्ण म्हणाला –
“तू फक्त कर्म कर,
फळाची चिंता करू नकोस,
कारण प्रत्येक बियाणं लगेच उगवत नाही,
काही वेळ घेतात – पण फळ देतात!”
कृष्ण म्हणाला –
“जे घडलं ते चांगल्यासाठीच होतं,
जे घडतंय तेही अर्थपूर्ण आहे,
आणि जे होईल – ते तुला घडवण्यासाठीच होईल…”
कृष्ण म्हणाला –
“शांत राहा… तू आरंभ कर,
मी पाठीशी असेन –
कधी रथाचा सारथी म्हणून,
कधी तुझ्या अंतःकरणातल्या सत्वरूपाने…”
कृष्ण म्हणाला –
“माझ्या दर्शनासाठी मंदिर शोधू नकोस,
एखाद्याच्या अश्रू पुस,
माझं वास्तव्य तिथेच आहे…”
कृष्ण म्हणाला –
“तू अर्जुन आहेस – विसरू नकोस,
अंधार कितीही असला तरी,
शौर्य तुझ्यातच आहे,
मी तुझ्या आवाजात, तुझ्या कर्मात आहे…”
by Shiv Bhokare
લોક વાણી ભાગ ૫
યાદોની અમીરાતે ઉર ઉભરાય.
પ્રેમના પાલેવડે લહેર લહેરાય્
વરસી ઘડી વાદળીખળજળ ખળી.
વહી રહે ઝરણાં ક્યાંથી જાય કળી.
લચતી લતા વેલી નીતરતી ન્હાય..
જળ ઝરતા વૃક્ષોએ વાત કરી.
શીતળતા શબનમ ની ભાત ભરી.
કૂંપળ ફળ મંજરી મન મળાય...
મોરલા કરે ગ્હેકાટ મન મૂકી.
વન વગડાની હરીયાળી ઝૂકી.
સ્નેહના સંભારણા ચિત ચરાય...
મનરવ આમ વહે મલકનો મેળો.
ભાતિગળ ની ભાત એ પણ ભેળો.
મૂલ સહુ સહુ ના સ્વમાં સમાય...
લે,,ક,
મનજીભાઈ કાળુભાઇ મનરવ મુ બોરલા
अपने दोनो कंधो पर मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
अपने पैरों में मैं
इनके सम्मान की बेड़ियां पाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
अपनी उमर के साथ साथ
मैं उनके लिए और भी
कीमती हो जाती हूं
अगर हूं मैं सुंदर
तो उनके मन में
अनजाना डर बैठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
ना हो जो रंग रुप मेरा
तो भी उनकी चिंता बन जाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
सारे अरमान पूरे कर उनके
विदा हो कर मैं उन्हें छोड़ जाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
छोड़ जाने के बाद उनको मैं
जब अपने ढर को जाती हूं
तो खुद को उस घर में
अब मैं मेहमान पाती हूं।
अपने दोनो कंधो पर मैं,
अपने घरवालों की इज्जत का बोझ उठाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं।
शायद इसीलिए मैं बेटी कहलाती हूं
hello everyone 🤗
हमें उम्मीद है आप सब को हमारी कहानी__ इश्क बेपरवाह नहीं तेरा... पसंद आ रही होगी, जो पढ़ रहे उन्हें धन्यवाद 🙏🏻
आप सबसे निवेदन है जिन्हें कहानी पसंद हो और वो उसके आगे के भाग जल्दी चाहते हो तो कृपया आप सब उसपर कमेंट जरूर करें कहानी कैसी है। और हां हमें फॉलो भी जरूर करें।
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पढ़ते रहिए और जुड़िए हमसे...😊
લોક વાણી ભાગ ૪
હે હાલો હળવા રે હો મળવા.
એ જામી છે જોડી હેત ભરવા.
ભરાણો મેળો અઅંતરના ઓજમા.
મેરામણ ઊમ્યટ્યો છે નીજ આનંદમાં.
વરસે વાદલડી હરીયાળી રે હો હળવા...
મળશું હેત પ્રિત પ્યારની પરખમા.
નિર્મળ આહ્લાદ જ્યાં મિલન મલકમાં.
એ જોબન ઝરણાં ઉમંગને રે હો વરવા..
વહેતી પળ ને યાદો ના અંત રંગમાં.
વિખરાતા સાગરમાં ઝરતા તરંગ માં.
એ મનઘડ મનરવ તનને રે હો ઘડવા.
મનજીભાઈ કાળુભાઇ મનરવ મુ બોરલા
उच्च रक्तचाप से आपकी आँखों को कितना खतरा है?
(How High Blood Pressure Affects Your Vision)
उच्च रक्तचाप (High BP) केवल दिल की सेहत को ही नहीं, बल्कि आपकी आंखों को भी गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। यह एक "Silent Killer" है जो धीरे-धीरे आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है — बिना किसी शुरुआती लक्षण के।
👁️ आँखों पर उच्च रक्तचाप का असर:
रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy):
आंखों की रेटिना में रक्त नलिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे धुंधली या कमज़ोर दृष्टि हो सकती है।
रेटिनल ब्लीडिंग:
अत्यधिक बीपी से आँखों में रक्तस्राव हो सकता है जो स्थायी दृष्टि हानि का कारण बनता है।
ऑप्टिक न्यूरोपैथी:
ऑप्टिक नर्व तक रक्त प्रवाह रुकने से अचानक दृष्टि खो सकती है।
मैकीुलर एडमा:
रेटिना के मध्य भाग में सूजन आने से साफ और स्पष्ट देखने में समस्या होती है।
ग्लूकोमा (कालापन):
लंबे समय तक अनियंत्रित बीपी से आँखों का दबाव बढ़ सकता है जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुँचता है।
⚠️ चिंता की बात यह है कि—शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते!
इसलिए, यदि आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो नियमित नेत्र जांच बेहद जरूरी है।
✅ बचाव के उपाय:
बीपी नियमित रूप से जांचें और नियंत्रित रखें
हेल्दी डाइट और व्यायाम अपनाएं
साल में कम से कम एक बार नेत्र परीक्षण कराएं
नेत्रम आई फाउंडेशन में हम विशेष रूप से हाई बीपी से जुड़ी नेत्र समस्याओं की जांच व इलाज करते हैं।
📅 अपॉइंटमेंट बुक करें:
📞 011-41046655 | 9319909455
📍 E-98, ग्रेटर कैलाश-2, नई दिल्ली - 48
🌐 www.netrameyefoundation.com
आपकी दृष्टि... हमारी ज़िम्मेदारी!
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