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जिस औरत को समझते समान, वो हर मुकाम पर पा रही सम्मान। समझते हैं पांव की जूती जिस औरत को, चूमा जाता हैं मोहब्बत में उसी के पांव को ।
कभी हर कीमत अदा करके पाना चाहते थे जिसे, आज अगर वो मुफ्त में मिले तो भी कबूल नहीं हमें।
दुनिया भर के दर्द 😔😥तकलीफ़ देने का हक मिल गया तब से आपको, जनाब मैंने मेरी 🌎दुनियां मान लिया जब से आपको । ।
अपना नजरिया रखती हैं नज़र.. इशारों में सब समझा देती हैं नज़र शर्म में झुक जाती हैं नजरे, गुस्से में दिखाई जाती हैं आंखे। नज़र से नजर मिले तो हो जाती हैं मोहब्बत, बंद आंखों से की जाती हैं इबादत। नज़रे चुरा कर नज़रे करतीं हैं अनदेखा, नजरअंदाज करके नजरे देती हैं धोखा।
चंद दिनो की मेहमान हूं मान लिया करो मेरी कह कह कर सास जवानी खा गई बहु की सारी....
दिल के किसी कोने में संजोकर रखी हैं कुछ यादें, जिनपर ताली बजाकर हंसते थे आज बहुत रुलाती है वो बातें । अफसोस के साथ आती हैं हंसी जिन बातों पर मासूमों की तरह थे रोते।
जो नहीं मानते अपना उनसे भला कैसे शिकवा, जिन्होंने दिल से अपनाया उन्हें क्यों दे दगा।
बरसात हो या बसंत हो, हो चाहे गर्मी सर्दी... मौसम की नहीं होती परवाह बस साथ रहे हमारे हमेशा हमारा हमदर्दी....
देखती हूं बारिश में उछलते हुए जब खुद के बच्चों को, बड़ा याद करती हूं बीते हुए मेरे बचपन को। जब तैरती देखती हूं कागज की कश्ती को , बड़ा याद करती हूं मेरे गांव की बस्ती को ।
ना like कर रहे हो, ना shere कर रहे हो। follow करना तो दूर की बात , अभी अभी की हैं हमने लिखने की शुरुआत। कभी जरूर लिखेगे आप जितने खूबसूरत अल्फ़ाज़, यू मत कीजिए हमें नजरअंदाज ।
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