गर्भ संस्कार के द्वारा ऐसे शिशु को जन्म दिया जा सकता है जो संपूर्णतः स्वस्थ (Completely healthy) हो, सुन्दर हो, निर्दोष (innocent) हो, उसका मन-मस्तिष्क (Brain & Mind) विलक्षण हो, प्रबल (strong) हो। उसके व्यक्तित्व (Personality) में आकर्षण हो जिससे सारा संसार मोहित हो जाये। सुयोग्य (Capable) और गुणवान (virtuous) हो, धैर्यवान (Patient) हो, अर्थात उसमे एक महान व्यक्तित्व के सभी गुण हों।
गर्भ संस्कार - भाग 1 - विषय सूची
गर्भ संस्कार के द्वारा ऐसे शिशु को जन्म दिया जा सकता है जो संपूर्णतः स्वस्थ (Completely healthy) हो, सुन्दर निर्दोष (innocent) हो, उसका मन-मस्तिष्क (Brain & Mind) विलक्षण हो, प्रबल (strong) हो। उसके व्यक्तित्व (Personality) में आकर्षण हो जिससे सारा संसार मोहित हो जाये। सुयोग्य (Capable) और गुणवान (virtuous) हो, धैर्यवान (Patient) हो, अर्थात उसमे एक महान व्यक्तित्व के सभी गुण हों। ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 2 - एक्टिविटीज 01
प्रार्थना:या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥भावार्थ– जो विद्या देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली सरस्वती हमारी रक्षा करें ॥1॥ॐ सहनाववतु सहनौ भुनक्तु। सहवीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥ॐ शांतिः शांतिः शांतिःभावार्थ– ईश्वर हम दोनों ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 3 - ऐक्टिविटीज़–02
प्रार्थना:दयालु नाम है तेरा, प्रभु हम पर दया कीजे।हरि सब तुमको कहते, हमारा दुःख हर लीजे॥दयालु…..विषय और भोग में फँसा रहता है मन मूरख।इसे अब ज्ञान देकर, सत्य मार्ग पर लगा दीजे॥दयालु…तुम्हारी भूल कर महिमा, किए अपराध अति भारी।शरण अज्ञान है तेरे, क्षमा अपराध सब कीजे॥दयालु…तुम्हीं माता-पिता जग के, तुम्हीं हो नाथ धन विद्या।तुम्हीं हो मित्र सब जग के, दयाकर भक्तिवर दीजे॥दयालु…न चाहूँ राज-धन-वैभव, न है कुछ कामना मेरी।रख सकूँ शुद्ध सेवाभाव, शुभ वरदान ये दीजे॥दयालु…तुम अन्तर्मन के भावों को, जानते हो सदा स्वामी।यही जीने की अभिलाषा, चरणरज दास को दीजे॥दयालु…मंत्र:जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले।गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम्॥अर्थ— ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 4 - ऐक्टिविटीज़–03
प्रार्थना:हे न्यायाधीश प्रभु! आप अपनी कृपा से हमको काम, क्रोध, लोभ, मोह, भय, शोक, आलस्य, प्रमाद, ईर्ष्या, द्वेष, विषय-तृष्णा, आदि दुर्गुणों से मुक्तकर श्रेष्ठ कार्य में ही स्थिर करें। हम अतिदिन होकर आपसे यही मांगते हैं कि हम आप और आपकी आज्ञा से भिन्न पदार्थ में कभी प्रीति ना करें।मंत्र:ॐ नारायणाय विद्महेवासुदेवाय धीमहितन्नो विष्णुः प्रचोदयात्अर्थ: हे भगवान् नारायण, आप तीनों लोकों के पालनकर्ता हैं, वासुदेव स्वरूप प्रभु मुझमें बुद्धि और ज्ञान का प्रकाश प्रदान करें।गर्भ संवाद“मेरे प्यारे बच्चे! तुम्हारी मासूमियत मेरी आत्मा को शांति देती है। मैं हर दिन तुम्हारे बारे में सोचती हूं और प्रार्थना करती हूं कि ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 5 - ऐक्टिविटीज़–04
प्रार्थनाअंतर्यामी परमात्मा को नमन,शक्ति हमेशा मिलती रहे आपसे;ऐसी कृपा कर दो, अज्ञान दूर हो, आतम ज्ञान पाएँ।अंतर्यामी परमात्मा को प्राप्त हो, व्यवहार आदर्श हो, सेवामय जीवन रहे।अंतर्यामी परमात्मा को नमन....मात-पिता का उपकार ना भूलें, हरदम गुरु के विनय में रहें, दोस्तों से स्पर्धा ना करेंगे, एकाग्र चित्त से पढ़ेंगे हम;अंतर्यामी परमात्मा को नमन...आलस्य को टालो, विकारों को दूर कर दो, व्यसनों से हम मुक्त रहें, ऐसे कुसंगों से बचा लो हमें।अंतर्यामी परमात्मा को नमन....मन-वचन और काया से, दुःख किसी को हम ना दें।चाहे ना कुछ भी किसी का, प्योरिटी ऐसी रखेंगे हम।अंतर्यामी परमात्मा को नमन....कल्याण के हम सब, निमित्त ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 6 - एक्टिविटीज़–05
प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू।तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥तेरा तेज है, छाया हुआ सभी स्थान।सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया।ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:ॐ महाज्वालाय विद्महे।अग्निदेवाय धीमहि।तन्नो अग्निः प्रचोदयात्॥अर्थः हे अग्निदेव! आप हमें ज्ञान, ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करें।पहेली:एक बार आता जीवन में, नहीं दुबारा आता।जो मुझको पहचान न पाता, आजीवन पछताता ॥गर्भ संवाद:मेरे प्यारे शिशु, मेरे बच्चे, मैं तुम्हारी माँ हूं…… माँ!— आज मैं तुम्हे तुम्हारे कुछ भौतिक गुणों की याद दिला रही ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 7 - ऐक्टिविटीज़–06
प्रार्थना:ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्भावार्थ: हम उस त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की आराधना करते है जो अपनी से इस संसार का पालन-पोषण करते है उनसे हम प्रार्थना करते है कि वे हमें इस जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कर दे और हमें मोक्ष प्रदान करें। जिस प्रकार से एक ककड़ी अपनी बेल से पक जाने के पश्चात् स्वतः की आज़ाद होकर जमीन पर गिर जाती है उसी प्रकार हमें भी इस बेल रुपी सांसारिक जीवन से जन्म-मृत्यु के सभी बन्धनों से मुक्ति प्रदान कर मोक्ष प्रदान करें।मंत्र:सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत।।अर्थ— ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 8 - एक्टिविटीज–07
प्रार्थना:शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥अर्थ: मैं ऐसे सर्वव्यापी भगवान विष्णु प्रणाम करता हूं जिनका स्वरूप शांत है। जो शेषनाग पर विश्राम करते हैं, जिनकी नाभि पर कमल खिला है और जो सभी देवताओं के स्वामी हैं।जो ब्रह्मांड को धारण करते हैं, जो आकाश की तरह अनंत और असीम हैं, जिनका रंग नीला है और जिनका शरीर अत्यंत सुंदर है।जो धन की देवी लक्ष्मी के पति हैं और जिनकी आंखें कमल के समान हैं। जो ध्यान के जरिए योगियों के लिए उपलब्ध हैं।ऐसे श्रीहरि विष्णु को नमस्कार है जो सांसारिक भय ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 9 - एक्टिविटीज–08
प्रार्थना:हे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तारदे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे स्वर की देवी, ये संगीत तुझसेहर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसेहम है अकेले, हम है अधूरेतेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँमुनियों ने समझी, गुणियों ने जानीवेदों की भाषा, पुराणों की बानीहम भी तो समझे, हम भी तो जानेविद्या का हमको अधिकार दे माँहे शारदे माँ, हे शारदे माँअज्ञानता से हमें तार दे माँतू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजेहाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजेमन से हमारे मिटाके अँधेरेहमको उजालों ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 10 - एक्टिविटीज–09
प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू।तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥तेरा तेज है, छाया हुआ सभी स्थान।सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया।ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ॥अर्थः हे अष्टभुजा वाली मां दुर्गा! आप हमें विजय, शक्ति और ममता प्रदान करें।गर्भ संवाद“भगवान के साथ संबंध हमेशा प्यार और विनम्रता से होना चाहिए। जब तुम भगवान से अपने दिल की बात करते हो, तो उसमें कोई ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 11 - एक्टिविटीज–10
प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू।तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥तेरा तेज है, छाया हुआ सभी स्थान।सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया।ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाऽअत्मानं सृजाम्यहम्॥अर्थः हे भारत! जब भी धर्म का पतन होता है और अधर्म बढ़ता है, तब मैं अपने आप को सृजित करता हूँ।गर्भ संवाद“मेरे बच्चे! तुम्हारा भविष्य जितना सकारात्मक दृष्टिकोण से होगा, उतना ही उसमें सफलताएं होंगी। जब तुम हर परिस्थिति को सकारात्मक रूप ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 12 - एक्टिविटीज–11
प्रार्थना:तूने हमें उत्पन्न किया, पालन कर रहा है तू।तुझसे ही पाते प्राण हम, दुखियों के कष्ट हरता तू ॥तेरा तेज है, छाया हुआ सभी स्थान।सृष्टि की वस्तु-वस्तु में, तू हो रहा है विद्यमान ॥तेरा ही धरते ध्यान हम, मांगते तेरी दया।ईश्वर हमारी बुद्धि को, श्रेष्ठ मार्ग पर चला ॥मंत्र:सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः ।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।।अर्थः सभी सुखी हों, सभी निरोग हों, सभी मंगलमय घटनाओं को देखें और कोई भी दुःख का भागी न हो।गर्भ संवाद“मेरे बच्चे, जब से मैंने तुम्हें महसूस किया है, मेरी जिंदगी जादुई बन गई है। तुम्हारी हर हलचल मेरे दिल ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 13 - एक्टिविटीज–12
प्रार्थना:ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥भावार्थ: हम उस त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की आराधना करते है जो अपनी शक्ति इस संसार का पालन-पोषण करते है उनसे हम प्रार्थना करते है कि वे हमें इस जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त कर दे और हमें मोक्ष प्रदान करें। जिस प्रकार से एक ककड़ी अपनी बेल से पक जाने के पश्चात् स्वतः की आज़ाद होकर जमीन पर गिर जाती है उसी प्रकार हमें भी इस बेल रुपी सांसारिक जीवन से जन्म मृत्यु के सभी बन्धनों से मुक्ति प्रदान कर मोक्ष प्रदान करें।मंत्र:ॐ ब्रह्मा मुरारि त्रिपुरान्तकारी। भानुः शशि भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्रः शनि ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 14 - ऐक्टिविटीज़–13
प्रार्थना:सभी सुखी हो, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो, सबका दुःख दुर हो, सबका वैर शांत हो। इस संसार रहने वाले सारे प्राणियो की पीड़ा समाप्त हो वे सुखी और शांत हो। चाहे वे जीव जल मे रहने वाले हो या स्थल मे या फिर गगन मे रहने वाले। सभी सुखी हो। इस पूरे ब्रह्माण्ड मे सभी दृश्य और अदृश्य जीवो का कल्याण हो। बह्मांड मे रहने वाले सभी जीव और प्राणी सुखी हो वे पीड़ा से मुक्त हो।मंत्र:ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते।पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥अर्थ: यह ब्रह्मांड पूर्ण है और उसकी हर रचना पूर्ण है। उस पूर्ण से जो लिया ...Read More
गर्भ संस्कार - भाग 15 - एक्टिविटीज–14
प्रार्थना:या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥भावार्थ– जो विद्या देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली सरस्वती हमारी रक्षा करें ॥1॥ॐ सहनाववतु सहनौ भुनक्तु। सहवीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥ॐ शांतिः शांतिः शांतिःभावार्थ– ईश्वर हम दोनों ...Read More