किसी का सब कुछ बर्वाद करने से पहले
अपने जीवन के अंत के बारे में जरूर सोच
लेना क्योंकि कर्म का फल मरण से पहले
मिलता जरूर हैं, फिर भगवान को दोष
मत देना क्योंकि उस समय तुम्हारे रुतवे के
शागिर्द, तुम्हारा अहंकार, धन ऐशो आराम
या तुम्हे चाहने वाला विश्व जन शेलाब भी मौत
के आगे असहाय और बोना हो जायेगा.