✨ नुमाइश ✨
जिश्म की नुमाइश आजकल,
सोशल मिडिया पर सजी हुई है,
सच्चाई की तस्वीरों के बदले
झूठी चमक बिखरी हुई है।
लाइक्स की भूख, फॉलोअर्स का नशा,
आबरू का मोल अब सस्ता हुआ है,
इज्ज़त के मायने बदल गए,
सच्चा इंसान यहाँ तन्हा हुआ है।
चेहरों के पीछे नक़ाब हैं गहरे,
दिल की बातें कोई नहीं कहता,
रूह की प्यास बुझती कहाँ है,
जब सब कुछ सिर्फ़ जिस्म ही कहता।
आँखों की चमक, अदाओं का जाल,
बस तस्वीरों में ही बिक रहा हाल,
मूल्य नहीं रही अब सादगी की,
शोर में खो गया इंसान का ख्याल।
चलो फिर से लौटें उस राह पर,
जहाँ इज्ज़त सजती थी विचारों में,
जहाँ इंसानियत की क़ीमत थी,
ना कि जिस्म की नुमाइश बाज़ारों में।
DB-ARYMOULIK