तेरी तरफ आते हुए
मैं बाकी सारे रास्ते छोड़ आई
इस दुनिया के लोगो से
मैं हर एक बंधन तोड़ आई।
सिर्फ तेरी बांसुरी के ही सहारे मोहन
ये राधे हर एक रस्म को तोड़ आई।
अब तो लगता है मोहन
जैसे कि दिल संग मैं खुद की,
चेतना भी तुम्हारे पास ही कहीं छोड़ आई।
अपना अंतिम गंतव्य मान तुम्हें,
अपना हर एक मार्ग मैं, तुम ओर मोड़ आई।
इस जन्म का ही नहीं केशव
अब तो हर एक जन्म का नाता
ये राधे तुम संग जोड़ आई।
तेरी तरफ आते हुए मोहन
मैं बाकी सारे रास्ते छोड़ आई