जय गणपति जय मां शारदे।
जय जगन्नाथ हरे।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे।
रथयात्रा का दर्शन बड़ा पावन जय जगन्नाथ तेरे। बलदेव सुभद्रा संग जगन्नाथ
रथ यात्रा करे। नीम की लकड़ी से बने
बलदेव सुभद्रा एवं जगन्नाथ के विग्रह
दर्शन सारे जहान करे।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे।
लाखों-करोड़ों श्रद्धालु गण भाव भक्ति
से विभोर होकर तेरे रथ की डोरी खींचते चले। रथ यात्रा गुंडिचा मंदिर के ओर
गाजे बाजे के साथ हरि बोल हरि बोल हरि बोल शंख ध्वनि के साथ प्रस्थान करे।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे।
रथयात्रा मेला संसार में प्रसिद्ध है जय जगन्नाथ हरे। बच्चे बूढ़े जवान और बुजुर्ग
सब मिलकर जगन्नाथ जी के चरणों में
पूजा करे। इस दिन महाप्रसाद जगन्नाथ
जी को छह बार अर्पित करे। भोग आरती
ढोल ढाक झांझर और करताल के साथ
जन जन करे।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे।
आज का दिन है बड़ा पावन और महान जय जगन्नाथ हरे।
दर्शन मात्र जगन्नाथ जी के दीन दुखियों के भव दुःख कटे। जो भी आए महाप्रभु जी
के चरणों में सबके भव फंद टरे।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे
बड़ा सुहावन अति मनभावन दृश्य
जगन्नाथ पुरी में नगरवासियों संग भक्त गण
सब मिलकर अवलोकन करे।
पांचजन्य शंख ध्वनि अनवरत फूलों के बारिशों के साथ चंवर डुलावत सेवादार
रथ की सवारी बलदेव जी सुभद्रा जगन्नाथ
की दो दिवसीय यात्रा पर गुंडीचा मंदिर की
ओर जयकारे लगाते हुए हरि बोल हरि बोल हरि बोल चलते चले।
जय जगन्नाथ हरे जय जय जगन्नाथ हरे।
पूजा अर्चना वंदना हरि कीर्तन हरि नाम संकीर्तन के बोल शंख ध्वनि संग जगन्नाथ पुरी की धरती पर कोटि-कोटि नमन करत जयकारे करे।
अकिंचन दासी अनिता से लेखन में कोई
त्रुटि हुई है तो भगवान जगन्नाथ जी क्षमा करें। जय जय जगन्नाथ हरे।जय जय जगन्नाथ हरे।
सब दीन दुखियों के संकट अब आकर
भगवान जगन्नाथ हरे।
जो लिखे पढ़ें और श्रवण करें सबको
समान फल भगवान जगन्नाथ प्रदान करें।
जगन्नाथ जी की रथ यात्रा उत्सव,पर्व
पर जन जन को शुभकामनाएं एवं बधाई।
- Anita Sinha