रूखत ए हुजाम ए सराब पर बवाल होना था ।
कदम कदम पर दिल को बदहाल होना था ।।
जमाल ए खूंबा नाम की धुन में खो गए सब ।
हर्फे शुदःमक्तुब ज़िन्दगी ए दज्जाल होना था ।।
महफूज जे हर रूए चाँद भी डूबा तेरी यादों में ।
बजूज खुद ए निस्त चाँदनी उजाल होना था ।।
बे कर्द तज्जली महस्सूस में जल गया दिल तो ।
शाहिद ए मसूद सर्द सितारों को सवाल होना था।।
आखिरशः ए कदद्त गर आँखों में छुपा था असर तो ।
मस्तकुंचा ए ईश्क रूकन गर्क बेवफ़ा सज़ा होना था ।।
हर शब-ए-फ़ुरक़त में रोता अलबत्ता क्युकर वो तो ।
आफरीदंद अज्मत बु जाहिल दिल को बेचैन होना था ।।
इ’श्क़-ए-आमद खबर के जीना खु अधूरे होना था ।
बदस ओ बदन तो अब ज़िन्दा ला खुसुशे होना था ।।
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रूखत ए हुजाम ए सराब पर बवाल होना था ।
"मिथ्या सौंदर्य के मैदान में अवश्य ही उथल-पुथल होनी थी।"
कदम कदम पर दिल को बदहाल होना था ।।
"हर कदम पर दिल को बेचैन होना था।"
जमाल ए खूंबा नाम की धुन में खो गए सब ।
"सभी 'जमाल-ए-खूब' (अद्भुत सौंदर्य) की धुन में खो गए।"
हर्फे शुदःमक्तुब ज़िन्दगी ए दज्जाल होना था ।।
"जीवन लिखित अक्षरों की तरह धोखेबाज़ और बेईमान साबित हुआ।"
महफूज जे हर रूए चाँद भी डूबा तेरी यादों में ।
"चाँद का चेहरा भी तेरी यादों में डूब गया।"
बजूज खुद ए निस्त चाँदनी उजाल होना था ।।
"अस्तित्व के बिना भी चाँदनी को चमकना था।"
बे कर्द तज्जली महस्सूस में जल गया दिल तो ।
"बेबसी के जलने के बाद दिल जल गया।"
शाहिद ए मसूद सर्द सितारों को सवाल होना था।।
"शहीद-ए-मसूद ने ठंडे सितारों से सवाल किया।"
आखिरशः ए कदद्त गर आँखों में छुपा था असर तो ।
"धैर्य के अंत में अगर आँखों में असर छुपा था।"
मस्तकुंचा ए ईश्क रूकन गर्क बेवफ़ा सज़ा होना था ।।
"प्रेम का नशा रुकना था, अगर बेवफाई की सजा होनी थी।"
हर शब-ए-फ़ुरक़त में रोता अलबत्ता क्युकर वो तो ।
"हर अलगाव की रात में वह उसके लिए रोता था।"
आफरीदंद अज्मत बु जाहिल दिल को बेचैन होना था ।।
"खुदा ने इस अज्ञानी दिल को बेचैन बनाया।"
इ’श्क़-ए-आमद खबर के जीना खु अधूरे होना था ।
"आने वाले प्रेम की खबर में जीना अधूरा रहना था।"
बदस ओ बदन तो अब ज़िन्दा ला खुसुशे होना था ।।
"सांस और शरीर के बिना अब जीवित रहना, लेकिन खुशी के बिना।"
जुगल किशोर शर्मा
ग़ज़ल, नज़्म और निबंध जैसे विभिन्न विधाओं में काम करने वाले थे। उनकी कविताओं की विशेषता यह है कि वे दार्शनिक गहराई, भावनात्मक गूढ़ता और सामाजिक टीका को जोड़ते हैं। उनकी भाषा में हिंदी और उर्दू का संगम है, जो उनके काव्य को सांस्कृतिक समृद्धि प्रदान करता है।