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मेरा सुकून तो तुमने छीन ही लिया अब शिकायत ही क्या करूँ तुम्हारी दूरियों की... या खुद की चाहत की...💔 - SARWAT FATMI
कभी कहा था तुमने के तेरी बातें मुझे सुकून देती हैँ के रूठ कर कभी मुझसे जाना नहीं हालात कैसे भी हो पर साथ छोड़ना नहीं मैं तो यही हूँ पर.... तू शायद कही और चला गया!! काश...!!! बता देते तो शायद ❤️दिल को मज़बूत कर लेती यू 💔दिल बिखरता नहीं....!! - SARWAT FATMI
तुम नहीं हो मेरे पास पर तेरी यादें मेरे आस पास हैँ सब कुछ तो तुमने मुझसे ले ही लिया पर अपनी यादें कैसे लोगे?? पूरी रात युही गुज़र जाती हैँ कभी कहा था तुमने free होता हूँ रात मे चल कोई नहीं तू खुश हैँ ना??अपने लोगो के बीच मे मैं अपनी आदत तो बदल नहीं पाऊँगी पर दुआ 🤲करूंगी के वक़्त तेरा हो जाये 💐 - SARWAT FATMI
कुछ रहा नहीं मेरे पास सिर्फ तेरी कुछ यादों के सिवा सोचा था ये साल मिल कर आने वाले साल का जशन मनाएंगे पर ये साल जाते जाते तुम्हे मुझसे ही छीन लिया.. 💔 - SARWAT FATMI
कुछ गुजारे थे तेरे संग वो लम्हे मुझे अक्सर हंसते हुए रूला जाते हैं तू दूर है मुझे चाह कर भूलाना मुमकिन नहीं, लब खामोश है पर यह कमबख्त यह आंसू.... सब बयां कर देती है तू मेरा कभी था ही नहीं होता तो मेरे पास होता मेरी धड़कनों को सुनता मेरे हाथों को अपने हाथों में समेट कर बातें करता मेरे चेहरे पर आए मेरे बालों को समेटता काश.... कुछ दिन और रह लेते अचानक से यूं तेरे चले जाना कभी-कभी यकीन करना मेरे लिए एक सपने की तरह लगता है तू झूठा नहीं पर खुद से क्यों है झूठ बोलना किस्मत में हम साथ नहीं तो किसी और का है पता है मुझे पर तुझे मेरी याद नहीं आती यह कैसे यकीन कर लूं तू खुश है अगर मुझे यू तड़पा कर तो यकीन मान तेरी खुशी के लिए दिन रात दुआ करूंगी मुझे याद हैँ वो तेरा पहली बार मेरे हाथों को बड़े प्यार से छूना वह एहसास के साथ फिर.. तेरे हाथो को धीरे-धीरे अपने हाथों से दूर कर लिया अब यह हाथ पर किसी और का जो हक़ है तुम्हें छूना और तुम्हें गले से लगाना मेरी मोहब्बत time pass के लिए नहीं था बल्कि तुम्हारे साथ जो मेरी feeling,जो एहसास, जो सुकून था यह मेरे को जीने के लिए था तुम्हें छूने के लिए दिल बहुत तड़पता है तुम्हारे करीब आने को दिल मचलता है बेताब हो जाते हैं हम उस वक्त सिर्फ एक कशक मन में होती है कि तुम आओ और मुझे गले लगा लो!!! ❤️sarwat Fatmi❤️
मैं और मेरा नादान सा दिल ❤️ यही सोचता रहा के उन्हें मुझसे मोहब्बत हैँ बेइंतेहा वो याद करते हैँ बेसुमार पर होश तब आया जब मालूम हुआ के याद वो तब करते थे जब उनके पास कोई होता नहीं था और मैं बेवकूफ़ यह सोच कर बैठ गई के वो मेरे लिए वक़्त निकलते हैँ - SARWAT FATMI
उन्हें लगता हैँ के मुझे तकलीफ नहीं होती उनके Rude Behaviour से जो लम्हा कभी जिया था उनके साथ वो अक्सर तन्हाईओं मे जी लेते हैँ क्यों की हम किसी से ज़बरदस्ती मोहब्बत नहीं करा सकते और ना उनके पसंद बन सकते हैँ 💔 - SARWAT FATMI
वो दोस्ती, वो प्यार, वो college के दिन अक्सर हँसाते हुए रुला जाते हैँ उस वक़्त क्या पता था के वक़्त के साथ इंसान भी बदलते हैँ हमारी एक अलग दुनियां ही रहती थी जहाँ हँसना हँसाना बात बात पर एक दूसरे की खिचाई करना दोस्तों की हर राज़ को ❤️दिल मे रखना सच मे वो पल अक्सर हमें याद आते हैँ कहते थे हम सब क्या??हम एक दूसरे को याद करेंगे??? और जवाब कुछ अलग ही होता था उस वक़्त समझ नहीं आता था के क्या होती हैँ ज़िम्मेदारीयाँ ज़िम्मेदारीयों के घेरो मे कुछ इस तरह उलझ कर रह गए के खुद का वक़्त कहाँ चला जाता हैँ पता ही नहीं चलता सोचा के खुद को थोड़ा वक़्त देदूं तो घर की जिम्मेदारियों का पुकार शरू होगया अकेले मे खुद से बातें करना शरू किया, तो कुकर की सिटी ने अकेले रहने ना दिया आँशु अक्सर आँखों से निकलते हैँ, तो प्याज़ो ने सहारा दे दिया इतनी भाग दौड़ की जिंदगी मे अक्सर तन्हा खुद को पा लिया बातें तो बहुत हैँ पर सुनने को कोई नहीं तो अक्सर अपने चीज़ो को अपने हाले दिल बता देती हूँ अक्सर रातों मे सिसकियो मे तकिया मेरी गीली होती हैँ तब अपनी पुरानी बातें याद कर के दिल को बेहला लेती हूँ वो पल जब हम साथ मे गुज़ारे थे वो अक्सर याद कर के दिल को सुकून दिला जाते हैँ कहते थे जब अपनी ज़िम्मेदारियों से थक कर सोने की कोशिश मे, जब नींद पूरी नहीं होंगी तब हम सब याद आएंगे वो पल जो साथ गुज़ारे थे वो पल याद आएंगे.... सोचते सोचते नींदो की दुनियां इतनी खूबसूरत लगने लगती हैँ ❤️❤️फिर वही सुबह चेहरे पर मुस्कान रख अपनी नई ज़िम्मेदारियों के साथ चल पडती हूँ 🥰💐🙏🙏
वो मेरा कभी था ही नहीं जिसे मैं अपना बना बैठी थी गैरों से क्या शिकायत करते उन्होंने तो अपनी जिंदगी कह कर तन्हा कर दिया बातें तो ऐसा करते हैँ जैसे कभी रिस्ता था ही नहीं चलो कोई नहीं तुम खुश हो काफ़ी है मेरे लिए 🤲 - SARWAT FATMI
दूर कर के खुद से कहते हैँ मैं अकेला हूँ अपना बना कर गैरों की तरह मुँह मोड़ कर कहते हो अपना कौन हैँ??? बेशक़ नाराज़ हूँ तुमसे मनाने का हुनर भी तो तुम मे हैँ पर अफ़सोस यह हुनर कही और ज़्यादा खूबसूरत दिखने लगा 💔 - SARWAT FATMI
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