जज़्बा "
जिंदगी जरूर बदल जाएंगी पगले
पहले थोड़ी मेहनत तो कर
ख्वाबो की दुनियां सजाया कर ..हर रोज,
किंतु परंतु के कोई मायने नहीं जिंदगी में
तू थोड़ा हौसला बुलन्द तो कर .
रास्ते अगर अंधेरो से भरे पड़े है "
तो क्या फ़र्क़ पड़ता हैं,
तू थोड़ा अपने जुनून से उजाला तो कर ..
ये मेरे बस की बात नही ही ..?
हमेशा यह कहकर ..
अपने किस्मत को रुलाया ना कर..
माना मैंने तेरी आज मजबूरिया हैं ..
लाखो सवाल और कुछ कहकनिया है ..
कदम कदम पर चुनोतियाँ है" भी
बढ़ा अपने कदम ..सफलता की और
तू और थोड़ी कोशिश तो कर
हारना नहीँ है तुझे तू ठान ले आज
ख़ुद पे थोड़ा भरोसा कर
मंजिल मिल ही जाएंगी एक रोज
अंधी तुफानो से खेलना वजूद बना ले अब ..
क्या पता तेरी किसमत सवर जायँगी
ओर नाम के चर्चे होंगे अब ..
तू और थोड़ी कोशिश तो कर !"
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