नहीं सनम हंसी नहीं दोस्त यारा,
जिंदगी ये कोनसा हूनर दिख़ा रही है,
अपने आपसे मैं बाते करु कितनी,
रात अख़ियों को आसू बहाऊ कितने,
दिल का हाल मैं सुनाऊँ किसको,
मद्य,मदिराक्षी और झुठी ये दुनिया,
पसंद नहीं मुझके बहक जाना,
बस दिल पे रखे पत्थर इंतजार करु,
आये जब भी वो दिल का हाल सुनाऊँ।