#kavyotsav2 /motivational
*मन के जीते जीत है:*
इक दिन उससे मुलाकात हूई
जो कभी बी पाँझिटिव्ह था ।
फोटोकापी के निगेटिव्ह से भी
वह आज निगेटिव्ह था ।।
पुछने पे बोला,
अब दिल मे पाँझिटिव्हिटी नही जगती ।
कितनी भी कोशिश कर लो
सफलता हाथ नही लगती ।।
कई बार हिमाकत कर ली
हर बार मुकी ही खाई है ।
हर दिन कि सुबह
मेरे लिये मायुसी ही लाई है ।।
बिवी, बच्चे, दोस्त सब पराये
सारोंने मुह फेर लिया ।
नाकामयाब का साथी गम हि है
बस उसीने मेरा साथ दिया ।।
कुछ न बचा जीवन मे
सोचा अब जीना ही छोड दूँ ।
जिंदगी तो साथ ना दे पाई
कम से कम मौत का तो साथ दूँ ।।
बात सुन उसकी
मै तो जोरो से हस दिया ।
जरा सी टेन्शन देख
अपना जीवन चिता पे रच दिया ।।
पाँझिटिव्हिटी का मतलब
हर बार सफलता नही होता ।
वह तो अंगारा होता है
जो बुझने तक शांत नही होता ।।
टेन्शन मांगता है अटेंशन
उसको इग्नोर करते जाना ।
टेन्शन को टेन्शन देना
ना कि डर के भाग जाना ।।
आगे मत बढना कहके
लहरे हमें डराती है ।
आगे हि बढना है कहके
जीद लहरों को हराती है ।।
आगबबुला जलता सुरज
हमारे कदम जलाता है ।
हमारे दिलो कि ज्वाला को
वह पगला भाप भी ना पाता है ।।
असफलता कभी हमें
रोक नही पायेगी ।
लाख कोशिशो के बाद
कभी तो सफलता आयेगी ।।
मन के हारे हार है
मन के जीते जीत ।
असफलताओं को पिछे छोड
आगे बढ मेरे मीत ।।
उसका चेहरा चमक गया
मानो अंधेरा उजाले में बदल गया ।
मिलते है दोस्त कह के
वो जिंदगी जीने निकल गया ।।