पांडवों के वनवास के दौरान जब दुर्योधन को चित्रसेन नामक गंधर्व ने बंदी बना लिया था और फिर अर्जुन ने चित्रसेन से युद्ध कर दुर्योधन को छुड़ा लिया था , तब दुर्योधन आत्म ग्लानि से भर गया और आमरण अनशन पर बैठ गया।
इस बात का वर्णन महाभारत में घोषयात्रा पर्व के विपक्षाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः में मिलता है। घोषणा पर्व में इस बात का जिक्र आता है कि दुर्योधन के आमरण अनशन पर बैठ जाने के बाद उसको कर्ण , दु:शासन और शकुनी आदि उसे अनेक प्रकार से समझाने की कोशिश करते हैं फिर भी दुर्योधन नहीं मानता।
दुर्योधन की ये अवस्था देखकर दानव घबरा जाते है कि अगर दुर्योधन मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो उनका पक्ष इस दुनिया में कमजोर हो जायेगा। इस कारण वो दुर्योधन को पाताल लोक ले जाते है और उसको नाना प्रकार से समझाने की कोशिश करते हैं । इसका जिक्र कुछ इस प्रकार आता है। दानव दुर्योधन से कहते हैं:
प्रभो ! एक रहस्य की बात सुनिये । नरेश्वर राजन ! आपका यह आत्म हत्या सम्बन्धी विचार धर्म , अर्थ पराक्रम का नाश करने वाला तथा शत्रुओ का हर्ष बढ़ाने वाला है ।
दुर्योधन को फिर भी निराश होते देख दानव आगे बताते हैं कि दानवों ने अति श्रम करके दुर्योधन का वज्रधारी शरीर भगवान शिव की आराधना करके प्राप्त किया था।
पूर्वकायश्च पूर्वस्ते निर्मितो वज्रसंचयैः ॥ ६ ॥
राजन् ! पूर्वकाल में हमलोगों ने तपस्या द्वारा भगवान शंकर की आराधना करके आपको प्राप्त किया था । आपके शरीर का पूर्वभाग-जो नाभि से ऊपर है वज्र समूहसे बना हुआ है ।। ६ ॥
अस्त्रैरभेद्यः शस्त्रैश्चाप्यधः कायश्च तेऽनघ ।
कृतः पुष्पमयो देव्या रूपतः स्त्रीमनोहरः॥ ७ ॥
वह किसी भी अस्त्र-शस्त्र से विदीर्ण नहीं हो सकता। अनघ ! उसी प्रकार आपका नाभि से नीचे का शरीर पार्वती देवी ने पुष्प मय बनाया है, जो अपने रूप-सौन्दर्यसे स्त्रियों के मनको मोहने वाला है ।। ७ ॥
एवमीश्वरसंयुक्तस्तव देहो नृपोत्तम ।
देव्या च राजशार्दूल दिव्यस्त्वं हि न मानुषः ॥ ८ ॥
नृप श्रेष्ठ ! इस प्रकार आपका शरीर देवी पार्वती के साथ साक्षात भगवान महेश्वर ने संघटित किया है । अतः राज सिंह ! आप मनुष्य नहीं, दिव्य पुरुष हैं ॥ ८ ॥
इस प्रकार हम देखते हैं कि दुर्योधन के शरीर का पूर्वभाग-जो नाभि से ऊपर था , उसको भगवान शिव ने दानवों के आराधना करने पर वज्र का बनाया था और उसके शरीर के कमर से निचला भाग पार्वती देवी ने बनाया था , जो कि स्त्रियों के अनुकूल कोमल था।
#mythology #mahabharata #duryodhana #Gandhari #Krishna #Shiv #Parvati