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Prem_222:
हू में शुक्रगुज़ार उन समय का जिस ने मुजे जीना सिखाया,
हर पल जीवन मे हारना सीखा था आज जितना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार उन समय का जिस पल मे मेरा जिन बना,
माँ के गर्भ मे तब मुजे संसार मे जीनेका सलीका सिखाया,
हू मे शुक्रगुज़ार अपनी जननी का जिसने दुनिया दिखाई,
बचपन में सारे मेरे सम्बंध का मूल्यांकन करना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार मेरे पिता का जब मे चलना सीखा संसार,
अपने पसीने ने से सिंचा मेरा संस्कार और उठना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार अपनी बहन का जब जब होता मे परेसान,
हर एक मुश्किलों से रह कर सजाग दिल जितना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार मेरे भाई का संसार की मुश्किलसे भिड़ता,
परेशानियों से परे ख़ुशनुमा रहना और जीना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार मेरे प्यारे दोस्तों का जो बिंदास जीते हुए,
अपनी विकट स्थिति को छुपा के दर्द को भगाना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार मेरे प्यार का हस्ते-रोते हर हालमें ख़ुशनुमा
हर संबंधो को परे रखके अपने प्यार को निभाना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार अपने पड़ोसीओ का साथ निभाते हुए,
हर एक समय पर रहकर साथ रिश्ते बनाना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार अपने गुरुजी का जो समय को समझते,
हर पल जिंदगी की कसौटी को स्वीकार करना सिखाया,
हू में शुक्रगुज़ार अपने ईस्ट देव का जिसने आंखे खोली,
हर एक गलत रास्तो पर जाते हुए मुजे सही राह सिखाया..
हू मे शुक्रगुज़ार अपने उस यार का जो अपना समझते थे,
था रोमांचक सफर हमारा नजर उतरना क्यूं न सिखाया.
#रोमांचक