हर औरत को हक है
अपने हिस्से की जिंदगी जीने का—
वो हिस्सा,
जो उसने कहीं पीछे छोड़ दिया था…
अपने पति,
भाई,
बाप,
सास,
और अपने बच्चों की खातिर…
उसी छूटे हुए हिस्से में से
बस कुछ पल, कुछ सांसें,
कुछ ख्वाहिशें जी लेने का
हक तो हर औरत को है।
क्योंकि औरत सिर्फ रिश्तों में बटी पहचान नहीं...
वह पूरी दुनियां...पूरी कायनात...पूरा ब्रह्मांड है।
ArUu ✍️