🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
टूटेंगे जब धागे सारे’ बंधन मुक्त
होगा मन,
शून्य में एकाकार हो’ शांत होगा
हर स्पंदन,
न रहेगा ताना-बाना’ न विचारों
का शोर-गुल,
टुकड़े जो बिखरे दिखें’ वे भी हो
जाएँगे निर्मूल,
शेष रहेगा बस ‘मैं, शुद्ध, निर्विचार
अविचल, निस्पृह,
जहाँ न आदि, न अंत कोई’ केवल
अनंत, परम विग्रह,
वो मौन ही है मुक्ति का द्वार जहाँ
उलझन का नाम नहीं,
बिखराव ही पूर्णता है’ जहाँ शेष
कुछ काम नहीं,
जान लो ये भ्रम ही बंधन’ सत्य
तो है परम स्वतंत्रता,
टूट कर ही पाओगे तुम’ स्वयं की
शाश्वत सार्थकता..🥀🦋
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#motivatforself 😊°☜
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