मैं और मेरे अह्सास
शिक्षक
अच्छी और सच्ची बात सीखा जाए वो ही शिक्षक कहलाता हैं l
कभी गुरु, कभी पिता, कभी माँ लाए वो ही शिक्षक कहलाता हैं ll
अनपढ़ को पढ़ना सिखाएं वो ही शिक्षक कहलाता हैं ll
आत्मविश्वास को जगाएं वो ही शिक्षक कहलाता हैं ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह"सखी"