ज़िन्दगी की किताबें पल-पल बदलती हैं,
हर पन्ने पर एक नया दर्द छुपा होता है।
कभी दोस्ती के बंधन टूट जाते हैं,
कभी प्यार के सागर में तूफान उठते हैं।
हर किरदार निभाना पड़ता है,
कभी हंसना तो कभी रोना पड़ता है।
ज़िन्दगी की परीक्षा में अक्सर फेल होते हैं,
फिर भी उठकर चलना पड़ता है।
किताबों के पन्ने ही गवाह हैं,
हमारे सुख-दुख के सफर के।
कभी ख्वाबों की उड़ान भरते हैं,
कभी हकीकत के धरातल पर गिरते हैं।
मगर हार नहीं माननी चाहिए,
क्योंकि ज़िन्दगी की किताब अभी अधूरी है।