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Kamlesh Parmar

Kamlesh Parmar

@kamleshparmar213429


आया ये कैसा दिन सोचा नहीं था किसी ने ऐसा
गये थे सब गुमने हों गये वो आज खुद गुम
इंसान तेरी कैस फिद्रत एक इंसान को मारे
क्या था क़ुसूर उनका जो मिली उनको ये सजा
हद करदी तूने अब तो जेहाद के नाम पर
कर्ता कत्लेआम कैसा है ये
धर्म जो सिखाये आपस में बेर
हर धर्म जोड़ हैं मानवता के संग
रही नहीं मानवता तेरे भीतर
तोड़ गया तू सारा मंजर
अब तो कर रहेम मेरे खुदा

पहलगाम में हुवे आतंकी हमले में मारे गये लोगों को समर्पित
भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
ओम शांति ओम!
- Kamlesh Parmar

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जय श्री राम!
जय बजरंग बली!

सब्रका के ले ना ओर इम्तिहान।
टूट चुका है एक ओर इंतकाम।
मंजिल को पाया कोसों दूर,
मुसाफ़िर बनकर भटक रहा दर दर।
तनहाई का ए आलम,
कर बैठे खुदको रुसवा।
या मेरे खुदा ना कर मुझे ओर लज्जित।
हे मेरे मुल्तानी कर दे थोड़ी रेहम।
- Kamlesh Parmar

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