कुछ गुजारे थे तेरे संग
वो लम्हे मुझे अक्सर हंसते हुए रूला जाते हैं
तू दूर है मुझे चाह कर भूलाना मुमकिन नहीं,
लब खामोश है पर यह कमबख्त यह आंसू....
सब बयां कर देती है
तू मेरा कभी था ही नहीं
होता तो मेरे पास होता
मेरी धड़कनों को सुनता
मेरे हाथों को अपने हाथों में समेट कर बातें करता
मेरे चेहरे पर आए मेरे बालों को समेटता
काश....
कुछ दिन और रह लेते
अचानक से यूं तेरे चले जाना
कभी-कभी यकीन करना मेरे लिए एक सपने की तरह लगता है
तू झूठा नहीं
पर खुद से क्यों है झूठ बोलना
किस्मत में हम साथ नहीं
तो किसी और का है पता है मुझे
पर तुझे मेरी याद नहीं आती यह कैसे यकीन कर लूं
तू खुश है अगर मुझे यू तड़पा कर
तो यकीन मान तेरी खुशी के लिए दिन रात दुआ करूंगी
मुझे याद हैँ वो तेरा पहली बार मेरे हाथों को बड़े प्यार से छूना वह एहसास के साथ फिर..
तेरे हाथो को धीरे-धीरे अपने हाथों से दूर कर लिया
अब यह हाथ पर किसी और का जो हक़ है
तुम्हें छूना और तुम्हें गले से लगाना
मेरी मोहब्बत time pass के लिए नहीं था
बल्कि तुम्हारे साथ जो मेरी feeling,जो एहसास, जो सुकून था यह मेरे को जीने के लिए था
तुम्हें छूने के लिए दिल बहुत तड़पता है
तुम्हारे करीब आने को दिल मचलता है
बेताब हो जाते हैं हम
उस वक्त सिर्फ एक कशक मन में होती है कि तुम आओ और मुझे गले लगा लो!!!
❤️sarwat Fatmi❤️