Attachment से Detachment का सफर तय करना कहा आसान होता है!
पर ये करना पड़ता है, कभी कभी कुछ लोगों को अपनी जिंदगी से अलग कर देना जरूरी होता है।
जीवन मैं कहा कोई रिश्ता हमेशा चलता है, एक पैहै पर जो गाड़ी चलती है तो पहले संतुलन हिल जाता है, फिर नीचे गिर जाते हम ठीक उसी तरह एक रिश्ता धीरे धीरे दम तोड़ता जा रहा होता है और हम केवल यह बात को पचा नहीं सकते बस उसी के लिए असंतुलित पर एक्टिवा दो चार कदम आगे चल पाती है ठीक उसी तरह एक रिश्ता बता देता है कि मुझे अब इसमें नई रहना, और एक दिन रिश्ता भी टूट जाता है, ठीक उसी तरह जैसे गाड़ी का पैहा निकल जाता है और हम नीचे गिर जाते है।
ये दिवाली कही लोगो के रिश्ते टूटे होगे तो कई रिश्ते बने होगे, रिश्ते की यह दिवाली सबका असली रंग बता जाएगी,
कुछ लोगों का हमारे जीवन से चले जाना हमारे हित के लिए होता है और रिश्तों की भी एक expiry date होती है जनाब, जब उस शख्स से लेन देन खत्म हो जाती है तो वो शख्स हमारे जीवन से खुद ही रुकसद हो जाते है।
कुछ रिश्तों का मोल नहीं होता है, कई बार अनमोल रिश्ते ही खत्म हो जाया करते है, तो इस दिवाली किस का कितना emotionally lose हुआ वह कोई समझ ही नई सकता।
Permanent तो कुछ भी नहीं होता पर फिर भी कुछ चीजें कुछ रिश्ते पीछे छूटने का मलाल कुछ समय तक रहता ही है।
बहुत का हुआ होता Attachment से Detachment का सफर .....तय ......!👍