विषय :.मुझे खूदसे मिलना है।
मुझे खुद्से मिलना है, थोड़ी सी गिफ्टगुह करनी है,
कुछ अनकही बाते बतानी है तो
कुछ अनकही किस्से और कहानियां सुनानी है,
.....मुझे खुदसे मिलना है।
कई अरसा हो गया खुदसे मिले हुवे, पूरा समय तो जा रहा है ट्रेन की यात्रा मैं,
बाकी जो बचा वो समय जा रहा है, कुछ जिमेदारिया मैं,
तो कुछ परिवार के साथ,
ऐसे में मेरा खुदसे मिलना हो ही नही पा रहा है।
खुद को टटोलना है थोड़ा, अपनी कमियों को अच्छे से जानती हु में,
उन्हीं कमियों को ताकत का रूप देना है,
थोड़ी खुद पै मेहनत करनी है,।थोड़ा खुद को और निखारना ना है,
मुझे खुद्से मिलना है, थोड़ी सी गिफ्टगुह करनी है,
अपने अंतरमन को थोड़ा मजबूत करना है,
अपने शरीर को भी तंदूरस्त करना है,
और मानसिक रूप से खुद को इतना मज़बूत करना है की,
किसी के सहारे की आवश्यकता ना रहे।
और इसीलिए....
मुझे खुद्से मिलना है, थोड़ी सी गिफ्टगुह करनी है,
वक्त बहुत कम मिलता है खुद के लिए,
तो थोड़ा समय का संतुलन करना सीखना है,
खुद को हर साल अपने old version से,
बहुत ज्यादा better करना है।
खुद की तुलना खुदसे करके खुद को बेहतर करना है।
और इसीलिए कहती हु के
मुझे खुद्से मिलना है, थोड़ी सी गिफ्टगुह करनी है,