"लोग अक्सर
सुधरे इंसान को
सुधारते हैं
--
अभद्र लोग
उनके फेहरिस्त
के चाटूकार हैं
--
बाजार वाद
के हमाम में सब
नि:वस्त्र हैं "

--डॉ अनामिका--
विधा हाइकु
दिनांक २४-०८-२०२४

Hindi Poem by डॉ अनामिका : 111947627
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