Quotes by DrAnamika in Bitesapp read free

DrAnamika

DrAnamika Matrubharti Verified

@rsinha9090gmailcom
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आयत हों या स्त्रोत
उस जहाँ तक पहुँचने का
एक ही गोत्र..
सजदा किए बगैर
उपरवाला नहीं मिला करता..
#डॉ_अनामिका
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदी_पंक्तियाँ #हिंदी_शब्द #बज्म़ #उर्दू_अल्फ़ाज़

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हद तो तब हो गई
सफाई के बहाने
वृद्धा की औकात दिखाई गई.
दीपावली मनायी गई.
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माँ भले हो किसी की
नयी रीत सुझायी गई
घर का खंगाला गया हर कोना
गहनों की पोटली पर
सिक्का उछाला गया.
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वृद्धा खड़ी कोने में देखती रही तमाशा
उसी की जायदाद पर सबने बांटा बताशा
#डॉ_अनामिका #हिंदी_का_विस्

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जो पूरी जिंदगी मांगी होती झोली में
तबाहियों की फरियाद भरी होती

---डॉ अनामिका--
#हिंदीकाविस्तार #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीशब्द #बज्म़

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कब मांगा है वक्त सारी उमर का
किस्तों की तारिखें तुम तय करो.
--डॉ अनामिका--

कई अनकहे किस्से
शब्दों को ढूंढ़ लाते हैं ,
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फुर्सत हो
तो आकर सुन जाना.
#डॉ_अनामिका
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदी_पंक्तियाँ #हिंदी_शब्द

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ज्यादा नहीं बस थोड़ा वक्त चाहिए
वक्त को समझने के लिए..
समझ को वक्त चाहिए पहचानने के लिए..
डॉ अनामिका
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदी_शब्द #हिंदी_पंक्ति

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सुकून के हर पल में, प्रेम का ही एहसास
जिन्दगी की आपाधापी में भी
इक दुसरों का ख्याल रखना..
किसी भी जिम्मेदारी से मुख नहीं मोड़ना.
हंसते हुए बड़ी तत्परता से आगे होकर
अपने समकक्ष के मुखड़े को हंसते हुए देखना..
यही तो प्रेम है..
हे प्रिय ! फिर प्रेम में उद्दीपन कैसा--
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मौसम बदलता है बदलता रहे
लाख रूकावटें हों झंझावातों की
कुशलता का हाल पूछ लेना
मूर्धन्य कलाकार की भूमिका निभाना
प्रेम का ही सोपान है
यही तो प्रेम है
हे प्रिय ! प्रेम में उद्दीपन कैसा--
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चाहे कितने ही पतझड़ हो जीवन में
सावन बसंत बहार बनकर तत्परता दिखाना
लाखों करोड़ों की भीड़ में भी सिर्फ और सिर्फ
अपने समकक्ष की खुशियाँ देखना
यही तो प्रेम है
हे प्रिय! प्रेम में उद्दीपन कैसा--
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बदलाव तो प्रकृति का नियम है
फिर भी अंतरंग मन से
बखूबी हर रिश्ते को निभाना
सबका ख्याल रखना
यही तो प्रेम है
हे प्रिय!!!! प्रेम में उद्दीपन कैसा--

--डॉ अनामिका--
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीशब्द

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जो कह दूँ मन की बात
व्यथा बन जाती है
गर ना कहूँ किसी से
रहस्यमयी कथा बन जाती है.
डॉ अनामिका-

समस्त विश्व में हिंदी भाषा की अपनी पहचान है
हिंदी हमेशा फलती रहे यही हमारा अभियान है.
डॉ अनामिका
#हिंदी_का_विस्तार

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वजह चाहे कुछ भी हो मना लेना चाहिए
गुजरे हुए जज्ब़ातों को आजमा लेना चाहिए.
--डॉ अनामिका--