मैं तन्हा हूं कोई साथ तो नहीं
तेरे आने की अब आस तो नही
तू कहता था मैं चांद तारे तोड़ लाऊंगा
कुदरत को झुकाना कोई मजाक तो नही
तेरे बिना भी जीना सीख जायेंगे हम
बिना सहारे भी दौड़ पाएंगे हम
एक ना एक दिन तुझे जरूर भूल जायेंगे हम
क्योंकि तू इंसान है मेरी पूरी कायनात तो नही ।