शादियों में नाच गाना 10 दिनों पहले शुरू कर दिया
मृत्यु के बाद बैठने के दिन 7 कर दिये
इंसान ने जब चाहा जैसे चाहा अपनी खुशी और मनोरंजन के हिसाब से रीति रिवाज बढ़ा दिये कम कर दिये
अगर किसी दिन तुमसे टुट जाएं कोई रीति कोई रिवाज़
तो उदास मत होना परेशान मत होना क्यूंकि ये भी लोगों का अपने हिसाब से बनाया गया ही एक चक्रव्यूह है जिसे मेरे या तुम्हारे भगवान ने नहीं रचा है