पापा की नानी अम्मा बन के उन्हें डांटने का ,
और बिगाड़ने का एक अलग ही मजा़ है ।
जो सबके लिए बड़े है सम्माननीय बस बेटी को,
उन्हें माँ बन के डांट ने का दररजा़ है ।
कहती माँ पापा से मेरी शैतानियों पर बार बार
हर बार ये आप ही के लाड़ का नतीजा़ है ।
अब किसने किसको बिगाड़ा है ये तो बाप - बेटी
के आलावा आखिरकार कौन ही समजा है ।