तू स्वप्न है मेरा,
हकीकत हो नहीं सकता
पर तुझको अपना कहना
बस अच्छा लगता है।
नहीं तू हाथों की लकीरों में
पर तेरे नाम की हिना लगाना
बस अच्छा लगता है।
ख्यालों में तुम्हें सोचना
एहसासों में तुमको जीना
हर पल बस तेरे पास ही रहना
बस अच्छा लगता है।
आंखों में बसी तेरी छवि मनोहर
बातें रस घोलती कानों में
तेरी यादों में खुद को समेटना
बस अच्छा लगता है।
लाज भरा वो प्रथम समर्पण
चाहत में सब किया तुमको अर्पण
प्रेम पुष्प से तेरा वंदन
बस अच्छा लगता है।
-आशा झा Sakhi