किसान
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सुबह सूरज की पहली किरन से आखिरी किरन तक काम करते किसान ।
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बहोत कश्टीया पडती पैर मे छाले तपता बदन फिर भी सदा मुस्कान ।
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किसान है ईश्वर का एक प्यारा वरदान जिसकी पूरी कायनात मानती अहेसान ।
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जिसे प्यार है पैड ,पंछी ,पौधे ,मिट्टी ,और बैल जो है ईश्वर के बनाए निशान ।
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"जगत का तात" युँ ही नही दिन रात करते काम तभी बनते तुम्हारे मीठे पकवान ।
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किसान भले ही छोटा हो लेकिन क्रुषि की महता है बड़ी तभी देश 70% क्रुषिप्रधान।