ख़्यालों के घरौंदे से
बाहर आ भी जाओ
देखो ना कितनी रौशनी है... ?
यही है जो हक़ीक़त है.. यही ज़िन्दगी है..... !
आए हम जहां में
आखिर हैं किस लिए?
क्या मकसद ए ज़िन्दगी है?
पुरा करना उसे, बेशक... यही तो बंदगी है...!
तुम जो भी हो उसको
रखो ख़ुद में बाकी
दिखावे की यहाँ जरूरत नहीं है
हाँ, जो सबसे ख़ूबसूरत है .. वही तो सादगी है..!
सुन लिया करो अक्सर
दिल की आवाज़ को
चाहे मचा हुआ वहाँ शोर भी है
महसूस करो.....कही तो .. ख़ुदा की मौजूदगी है..!
_✍️anupama