किस्मत चाहे जो भी खेल खेले..
रिश्तों से और खु़द से वफ़ादारी रहे..
माना की ज़िन्दगी ये है बेवफ़ा
उसुलों से ना हटे इतनी तैयारी रहे..

ये लम्हें चाहे रहे नाराज़ तुम से
दिल में जीने की मगर खु़मारी रहे...
हर वक़्त मौसम कहाँ एक सा रहता है?
हारना और जीतना भी तो बारी बारी रहे..

तंग करे चाहे ये हालात तुम को
दामन से बंधी कभी भी न लाचारी रहे..
नाकामियों से सबक इस तरह से लेना
तजुर्बों से भरी दिल की अलमारी रहे...

साबित करना इस तरह से खु़द को
देखती तुम्हे दुनिया यह सारी रहे..
नादान साथ छोड़े, तू मत छोड़ना
तेरे किरदार की ऐसी अदाकारी रहे...!

_✍️anupama


#Failure

Hindi Poem by anupama : 111906743
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