समझने - समझाने में हम ने
अपनी ही समझ खो दी शायद
यूँ ही नहीं देते हैं
लोग हम को हिदायत...
जवाब हर बात के होते हैं...
लेकिन... मन नहीं होता...
अब ख़ुद को खर्च करने को...
गवाएं हम ने भी कितने ही लफ्ज़,
शब्द और एहसास...
थक ही गया आखिर दिल... !
_✍️anupama