जिस किसी ने सनातन,हिन्दू और रामचरित मानस के विरूद्ध बयान दिया है।अगर वह सच्चा है तो यह पोस्ट पढ़ने के बाद अपने अपने घरों से भगवान राम ,कृष्ण,हनुमान सरस्वती,मां दुर्गा की तस्वीर व प्रतिमाएं घर से बाहर निकाले।
2)जिसे रामचरित मानस में जाति/वर्ण व्यवस्था को बढ़ावा देने की बात दिखती है ,वह निषादराज,सबरीमाता,हनुमान,सुग्रीव,जामवंत(जंगली कोल भील)के साथ भगवान राम का चरित क्यों नहीं दिखता।
3)जिसने भी कहा है कि सनातन के प्रारंभ होने का कोई प्रमाण नहीं है ,इसका किसी ग्रंथ से उदाहरण लिये बिना मेरा जवाब है।सूर्य प्रत्यक्ष देव है।जब से सूर्य का अस्तित्व है तभी से सनातन है यानी हिन्दूधर्म।सूर्य की पूजा हर रविवार के साथ छठ में बड़े पैमाने पर इसलिए होता है कि माता सीता रामकाल में और कृष्णपुत्र साम्ब ने महाभारत काल में सूर्य की पूजा किये थे।भगवान राम का वंश ही सूर्यवंश है।
सनातन विरोधी अब समझ में आयी बात।