की…….कर्म है धर्म का मर्म समझ ले, योद्धा का युद्ध है धर्म समझ ले। अपने-पराए क्या भाई क्या नाती? लड़ने खड़ी तुझसे तेरी प्रजाति। खून की प्यासी है तेरी ही अर्जुन! क्षत्रु हैं सब.... तूने समझा बाराती ! तू नी मारेगा तो, ये तुझको मारेंगे। कौरव तेरी आरती ना उतारेंगे......तुझको तो लगता है: भाई हैं,भाई हैं। भाई आ के तेरी छाती पे मारेंगे।
-Deva Sonkar