Quotes by Deva Sonkar in Bitesapp read free

Deva Sonkar

Deva Sonkar Matrubharti Verified

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(311)

संसार जरूरत के नियमों पर चलता है। सर्दियों में घिरा सूरज का इंतजार होता है, की सूरज गर्मियों ने तिरसेार भी होता है। उत्तः आपकी कीमत तब तक होगी, जब तक आपकी जरूरत होगी

-Deva Sonkar

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम देवा है, मैं आप सभी के लिए एक नया उपन्यास लेकर आया हूं, और यह नॉवेल पॉकेट एफएम नॉवेल पर उपलब्ध है और इसे आप सभी पॉकेट एफएम पर जा कर पढ़ सकते हैं आप सभी इसे पढ़ें और आप हमें बताएं कि आपको यह उपन्यास कैसा लगा, मुझे पता है कि आप सभी को उपन्यास पसंद आया, अगर आपको यह पसंद आया, तो मुझे एक समीक्षा दें इसे पढ़ने के बाद।
Novel Link Aashiqui : The Vision of Love | आशिकी : द विज़न ऑफ़ लव | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7


Thank you
(D. n.s)

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम देवा है, मैं आप सभी के लिए एक नया उपन्यास लेकर आया हूं, और यह नॉवेल पॉकेट एफएम नॉवेल पर उपलब्ध है और इसे आप सभी पॉकेट एफएम पर जा कर पढ़ सकते हैं आप सभी इसे पढ़ें और आप हमें बताएं कि आपको यह उपन्यास कैसा लगा, मुझे पता है कि आप सभी को उपन्यास पसंद आया, अगर आपको यह पसंद आया, तो मुझे एक समीक्षा दें इसे पढ़ने के बाद।
thanks you
(d.n.s)

novel Link Aashiqui : The Vision of Love | आशिकी : द विज़न ऑफ़ लव | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7

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अब समय इतना धुंदला है की टिक टिक वाली सुई भी दिखाई नहीं देती, चलो पहले खाना खाओ ये आवाज भी अब सुनाई नहीं देती, कुछ पाने की आस में ऐसा भी क्या सुरूर लाया हूँ, कुछ बनने की खातिर आज अपनी माँ से ही कितना दूर आया हूँ

-Deva Sonkar

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जो कोई भी मुझसे बात करना चाहता है वह किसी भी तरह से इस मदद में शामिल हो सकता है, वह मेरे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर मुझसे संपर्क कर सकता है।

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की मेरी मोहब्बत हैं वो कोई मजबुरी तो नहीं वो मुझे चाहे या मिल जाए ये जरुरी तो नहीं और ये क्या कम हैं की वो बसा हैं मेरी सांसो में वो सामने रहे मेरी आखों के ये जरुरी तो नहीं

-Deva Sonkar

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एक स्मशान के बाहर लिखा था। मंजिल तो तेरी यही थी,
बस जिन्दगी गुजर गई आते आते. क्या मिला तुझे इस दुनिया को सता के, अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते ।

-Deva Sonkar

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की…….कर्म है धर्म का मर्म समझ ले, योद्धा का युद्ध है धर्म समझ ले। अपने-पराए क्या भाई क्या नाती? लड़ने खड़ी तुझसे तेरी प्रजाति। खून की प्यासी है तेरी ही अर्जुन! क्षत्रु हैं सब.... तूने समझा बाराती ! तू नी मारेगा तो, ये तुझको मारेंगे। कौरव तेरी आरती ना उतारेंगे......तुझको तो लगता है: भाई हैं,भाई हैं। भाई आ के तेरी छाती पे मारेंगे।

-Deva Sonkar

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Yeh Kaisi Hai Aashiqui | ये कैसी है आशिकी | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7

मोमबत्ती को भी बिल्कुल आखिरी में पता चलता है.. की जिस धागे को उसने अपने सीने मे छुपाये रखा था उसी धागे ने उसे नतम कर दिया...!!

-Deva Sonkar

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