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संसार जरूरत के नियमों पर चलता है। सर्दियों में घिरा सूरज का इंतजार होता है, की सूरज गर्मियों ने तिरसेार भी होता है। उत्तः आपकी कीमत तब तक होगी, जब तक आपकी जरूरत होगी -Deva Sonkar
हेलो दोस्तों, मेरा नाम देवा है, मैं आप सभी के लिए एक नया उपन्यास लेकर आया हूं, और यह नॉवेल पॉकेट एफएम नॉवेल पर उपलब्ध है और इसे आप सभी पॉकेट एफएम पर जा कर पढ़ सकते हैं आप सभी इसे पढ़ें और आप हमें बताएं कि आपको यह उपन्यास कैसा लगा, मुझे पता है कि आप सभी को उपन्यास पसंद आया, अगर आपको यह पसंद आया, तो मुझे एक समीक्षा दें इसे पढ़ने के बाद। Novel Link Aashiqui : The Vision of Love | आशिकी : द विज़न ऑफ़ लव | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7 Thank you (D. n.s)
हेलो दोस्तों, मेरा नाम देवा है, मैं आप सभी के लिए एक नया उपन्यास लेकर आया हूं, और यह नॉवेल पॉकेट एफएम नॉवेल पर उपलब्ध है और इसे आप सभी पॉकेट एफएम पर जा कर पढ़ सकते हैं आप सभी इसे पढ़ें और आप हमें बताएं कि आपको यह उपन्यास कैसा लगा, मुझे पता है कि आप सभी को उपन्यास पसंद आया, अगर आपको यह पसंद आया, तो मुझे एक समीक्षा दें इसे पढ़ने के बाद। thanks you (d.n.s) novel Link Aashiqui : The Vision of Love | आशिकी : द विज़न ऑफ़ लव | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7
अब समय इतना धुंदला है की टिक टिक वाली सुई भी दिखाई नहीं देती, चलो पहले खाना खाओ ये आवाज भी अब सुनाई नहीं देती, कुछ पाने की आस में ऐसा भी क्या सुरूर लाया हूँ, कुछ बनने की खातिर आज अपनी माँ से ही कितना दूर आया हूँ -Deva Sonkar
जो कोई भी मुझसे बात करना चाहता है वह किसी भी तरह से इस मदद में शामिल हो सकता है, वह मेरे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर मुझसे संपर्क कर सकता है। my WhatsApp group links https://chat.whatsapp.com/CnpXwlot3jhE0Zt9Fxvh8R
की मेरी मोहब्बत हैं वो कोई मजबुरी तो नहीं वो मुझे चाहे या मिल जाए ये जरुरी तो नहीं और ये क्या कम हैं की वो बसा हैं मेरी सांसो में वो सामने रहे मेरी आखों के ये जरुरी तो नहीं -Deva Sonkar
एक स्मशान के बाहर लिखा था। मंजिल तो तेरी यही थी, बस जिन्दगी गुजर गई आते आते. क्या मिला तुझे इस दुनिया को सता के, अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते । -Deva Sonkar
की…….कर्म है धर्म का मर्म समझ ले, योद्धा का युद्ध है धर्म समझ ले। अपने-पराए क्या भाई क्या नाती? लड़ने खड़ी तुझसे तेरी प्रजाति। खून की प्यासी है तेरी ही अर्जुन! क्षत्रु हैं सब.... तूने समझा बाराती ! तू नी मारेगा तो, ये तुझको मारेंगे। कौरव तेरी आरती ना उतारेंगे......तुझको तो लगता है: भाई हैं,भाई हैं। भाई आ के तेरी छाती पे मारेंगे। -Deva Sonkar
novel Link 🔗 Yeh Kaisi Hai Aashiqui | ये कैसी है आशिकी | Author- Deva Sonkar: https://www.pocketnovel.com/novel/c8278b6b2fc57baf3d082319ad9cc43595aefab7
मोमबत्ती को भी बिल्कुल आखिरी में पता चलता है.. की जिस धागे को उसने अपने सीने मे छुपाये रखा था उसी धागे ने उसे नतम कर दिया...!! -Deva Sonkar
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