क्यों, एक बार फिर उसने झूठ बोलकर पूरी शाम रोशन कर दी
और मैं सच बोलकर कोने में खड़ी रहूँगी
उसके सुनाए हुए किस्से ही हमेशा क्यों चलन में होंगे
और मेरी कहानी सुनकर हमेशा अनसुनी ही रहेगी
क्यों, वो हमेशा महफिलों में सबकी नजर बनेगा
और क्यों, मैं यू ही सहमी-सहमी रह जाऊँगी