पुकारा है ज़िंदगी को कई बार Dear Cancer!!
आज कैंसर दिवस के अवसर पर मैं आपके साथ कुछ बाँटना चाहती हूँ।
साहित्य साधना लतिका बत्रा की रग रग में है, लतिका बत्रा, जिनकी कई रचनाएं जानी-मानी पत्रिकाओं में छ्प चुकी है ।
इसके उपन्यास
तिलांजलि,
एक काव्य संग्रह दर्द के इंद्रधनु ,
साँझा संग्रह लघुकथा का वृहद संसार
प्रकाशित हुये है
पुकारा है जिन्दगी को कई बार....
यह एक आत्मकथात्मक उपन्यास है जिस में उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी के बारे में लिखा है। कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका नाम सुनते ही मृत्यु सामने दिखाई देती है। उन्होंने इस बीमारी को एक बार नहीं दो बार झेला है और उससे लड़कर उस पर विजय भी प्राप्त की है। मैं उनके जीने की जीजीविषा को सलाम करती हूँ और सभी से अनुरोध करती हूँ उनकी इस किताब को खरीदे और जाने की कैसे उन्होंने इस बीमारी को मात देकर खुद पर विजय हासिल की है। अपने जीवन के एक बेहद ही भावनात्मक पहलू के साथ, उन्होंने पुकारा है ज़िंदगी को कई बार Dear Cancer! को लिखा है जो वाकई हम सभी के एक प्रेरणादायक उपन्यास तो है साथ में हमें जीवन जीने की कला भी सीखता है।
इसे आप फ्लिप कार्ट से खरीद सकते हैं।