मेरी दहाई ,जो कक्षा में सिर्फ पीछे बैठती थी।
हाजिरी के वक्त यस सर बोलकर अपनी भौतिक उपस्थिति का बोध कराती थी ।
प्रश्न करने और उत्तर देने की वाहियात प्रक्रिया से ,
हमेशा मुक्त रहने वाले लोग ।
कक्षा में स्थित दाँयी खिड़की को हमेशा ,
बंद रखने वाले लोग ।
देश के कई हिस्सों में फैल गए हैं ।
मरदाना नानक से पूँछ रहा है ,
गुरूदेव आपने ऐसा तो न कहा था ।

Hindi Poem by Arun Kumar Dwivedi : 111774135
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