#कविता
#जीवन
जीवन में कुछ रिश्ते ना होते तो बेहतर था
ये झुकाव अपनों से ना होता तो बेहतर था
लगाव लगाव में लग जाते हैं घाव कई
ये लगाव अपनों से ना होता तो बेहतर था
क्यों झुकता है दिल अपनों की खातिर
काश ये एहसास ना होता तो बेहतर था
छुपा कर सभी गमों को मुसकुराता है ये चेहरा
इन आंखो से पानी ना छलकता तो बेहतर था
परवाह कहाँ होती हैं सच में किसी को किसी की
ये दिखाबे का अपनापन ना होता तो बेहतर था
दिल का काम तो है सिर्फ़ सीने में धड़कना
दिले एहसास बदनाम ना होता तो बेहतर था
- RJ Krishna... ✍️