वो जो अंकाहा है बस तुम उतना जान लो,
मै क्या कहूं तुम से कभी तो तुम भी जान लो।

मेरी तरफ से तुम लो अपनी तारीफ़ रख लो
मेरे मिजाज़ नरमी में है ये तलुकात तुम रख लो।

Hindi Shayri by VANDANA VANI SINGH : 111741334
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