मत कर व्यर्थ अपने क़ीमती शब्दों को उनके सामने जिन्हें उनकी कदर नहीं,
मत कर व्यर्थ अपने क़ीमती शब्दों को उनके सामने जिन्हें उनकी कदर नहीं,
ज़माने के साथ चलना जरूरी नहीं यदि वो तेरा हमदर्द नहीं।

-Kirtipalsinh Gohil

Hindi Thought by Kirtipalsinh Gohil : 111738459
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