Hindi Quote in Poem by AJAY AMITABH SUMAN

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

रामायण में जिक्र आता है कि रावण के साथ युद्ध शुरू होने से पहले प्रभु श्रीराम ने उसके पास अपना दूत भेजा ताकि शांति स्थापित हो सके। प्रभु श्री राम ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें ज्ञात था कि युद्ध विध्वंश हीं लाता है । वो जान रहे थे कि युद्ध में अनगिनत मानवों , वानरों , राक्षसों की जान जाने वाली थी । इसीलिए रावण के क्रूर और अहंकारी प्रवृत्ति के बारे में जानते हुए भी उन्होंने सर्वप्रथम शांति का प्रयास किया क्योंकि युद्ध हमेशा हीं अंतिम पर्याय होता है। शत्रु पक्ष पे मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए अक्सर एक मजबूत व्यक्तित्व को हीं दूत के रूप में भेजा जाता रहा है। प्रभु श्रीराम ने भी ऐसा हीं किया, दूत के रूप में भेजा भी तो किसको बालि के पुत्र अंगद को। ये वो ही बालि था जिसकी काँख में रावण 6 महीने तक रहा।  कहने का तात्पर्य ये है कि शांति का प्रस्ताव लेकर कौन जाता है, ये बड़ा महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रस्तुत है दीर्घ कविता  "दुर्योधन कब मिट पाया" का तृतीय  भाग।  

Hindi Poem by AJAY AMITABH SUMAN : 111708201
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now