पुरानी यादें
बहुत याद आती है
वो छुक छुक की आवाज़
वो कागज़ की नाव
वो डाकिये की घंटी
वो 10 पैसे की बंटी
वो चिट्ठी का उल्लास
वो प्रेम की प्यास
वो कुओं का पानी
वो फलों की मिठास
अपनो का प्यार
ठंडी सी फुहार
ब्याह की रौनक
ढोलक की थाप
हर हफ्ते की तैयारी
डीडी नेशनल की बारी
सुबहा को रामायण
शाम को समाचार
रोटी के साथ आचार
सलाद में थी प्याज
वो पीपल की छांव
सब भूल गए गांव