# अच्छा आदमी था..
अच्छा आदमी था,
अगर वो अच्छा आदमी था तो तुमने उसके साथ अच्छा क्यूँ नहीं किया..?
जब उसे ज़रूरत थी तुम्हारे साथ की तुमने उसका साथ क्यूँ नहीं दिया..?
अब क़िस्से सुना रहे हो दुनिया को तुम्हारी उस दोस्ती के,
जिस दोस्ती का फ़र्ज़ तुमने कभी अदा ही नहीं किया,
तुम्हें भी तो पता था वो दिल से थोड़ा कमज़ोर था,
तुम्हें बस अपनी बातें सही लगी लेकिन सही तो कुछ और था,
वो लगातार बोले जा रहा था पर तुम सुन नहीं रहे थे,
तुम्हें अंदाज़ भी नहीं लगा पाये अंदर उसके कितना शोर था,
तुम उसके पास नहीं थे जब उसे तुम्हारी सब से ज़्यादा ज़रूरत थी,
इतना थक चुका था वो अपनेआप से की उसे अपनेआप से नफ़रत थी,
ख़ुद पर भरोसा ना कर पाया और भरोसा वो उन पर किया,
सही इंसान का ग़लत वक़्त पर फ़ायदा उठना जिनकी फ़ितरत थी,
वो कितना ज़ोर से चीख़ता था जो तुम कभी सुन नहीं पायें,
उसने कितने Call किये थे तुम्हें जो तुमने कभी नहीं उठाये,
वो जब मिलने बुलाता था तब तो तुम कभी नहीं मिलते थे
अब सब के सामने दिखावा करने तुम यहाँ तक चले आये,
जितना भी वक़्त वो जिया कभी हालात तो कभी ख़ुद से लड़ के जिया,
हर बार बार हार मिलती रही फिर थक कर उसने लड़ना ही छोड़ दिया,
देखो तो सोया हैं कितने सुकून से अब क्यूँ मातम मना रहे हो,
बहुत बोलता था ना वो देखो अब उसने सब को ख़ामोश कर दिया,
अच्छा आदमी था,
अगर वो अच्छा आदमी था तो तुमने उसके साथ अच्छा क्यूँ नहीं किया..?
⁃ ऋषिकेश त्रिवेदी,
⁃ IG _rishikesh11,